गो प्रेमी संघ

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गाय बचेगी, देश बचेगा !

Saturday, February 8, 2014

गो -हत्या का अर्थशास्त्र

गो -हत्या का अर्थशास्त्र :

भारत में गाय का मांस 120/- रुपये किलो खुलेआम बिक
रहा है और एक गाय-भैंस-बैल के कटनेपर लगभग 350 किलोमांस
निकलता है और चमड़े और हड्डियों की अलग से कीमत
मिलती है ! जो पशु औसतन 8000- 9000में गाव मिल
जा रहे हैं और सुखा वाले प्रदेशो में तो यह 3000/- में
ही मिल जा रहे हैं.
पशु की कीमत 8000/-
उसे काटने से मिला मांस 350 किलो
भारत में उस मांस का दाम = 350 x 120/- = 42,000/-
रुपये
चमड़े का दाम = 1000/-
विदेशो में निर्यात करने पर यही मांस 3 से 4 गुना दाम
में बिकता है और यह निर्भर करता है कि किस देश में
भेजा जा रहा हैं.
किसान को मिला सिर्फ 9000/- रुपया
और कत्लखाने चलाने वाले को मिला 43000 -
9000 = 34,000/- रुपये
भारत में एक एक कत्लखाने में 10000 से 15000 पशु
रोज कट रहे हैं औसत 12000 पशु रोज का मानिए तो --
यानी एक कत्लखाने मालिक को एक दिन में 34000/- x 12000 =
40,80,00,000/- (चालीस करोड़ रुपये रोज का मुनाफा)
यदि साल में 320 दिन यह काम चले तो 40 करोड़ x 320
= 12800 करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफा सालाना,
तो सोचिये गाय का कत्लखाना चलाने वाला इसे
क्यों बंद करेगा ! उसको जबरदस्ती बंद करवाना पड़ेगा और वो काम सरकार कर सकती है इसलिए गौरक्षक सरकार लानी होगी !!
यू॰पी॰ मे 8 अत्याधुनिक कत्लखाने के लिए जो टेंडर मंगवाएँ है उसमे ऐसी मशीनों का प्रयोग होगा जो 1 दिन मे हजारो मवेशियों की 'हत्या' करेगी एक ऐसीमशीन है जिसमे पशु को एक संकरी गली मे घुसेड़ा जाता है और आखिरी सिरे पर एक दर्पण होता है मवेशी उसे छूने के लिए जैसे ही अपना सिर अंदर करता है मशीन उसकी गर्दन को जकड़ लेती है और तुरंत उसका सिर धड़ से अलग हो जाता है| क्या आपको पता है की उत्तर प्रदेश में 15 कत्लखाने खोलने की अनुमति चीफ मिनिस्टर(अखिलेशयादव) ने दी है जहां एक कत्लखाने में एक दिन में 10000 (दस हजार) जानवरों को काटा जायेगा तो एक दिन में 15 कत्लखानों में 1,50,000 जीवों की हिंसा होगी| अगर आप जीव दया प्रेमी हैं तो इस message को इतना विस्तार दो कि सभी इसके समर्थन में खड़े हो जाएँ और C.M. को अनुमति वापस लेनी पड़े (अहिंसा परमो धर्मं)गाय माता के लिए इतना तो सब कर ही सकते है..!!!

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