भारत के गौ भक्तों से प्रश्न है -
यदि कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति है, उसके सामने दो विकल्प है : एक तरफ है अपमान, दूसरी तरफ है मौत: वो क्या चुनेगा ?
आपका उत्तर होगा मौत ।।
इस भूमण्डल पर गौ माता सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित है , वेद पुराण उपनिषद गीता भागवत रामायण , भगवान ने भी जिसकी महिमा गायी है , ऐसी प्रतिष्ठित गो माता का अपमान हम हिन्दुओं के द्वारा हुआ है इसलिए गौ माता ने मौत को चुना है ।।
गौ माता में अपार शक्ति है उसमें तैंतीस करोड देवता है वो चाहे तो एक देवता खडा करके अपनी रक्षा कर सकती है, लेकिन हमारे द्वारा गौ का अपमान होने पर गौ माता जीना नही चाहती और वह मौत को स्वीकार कर रही है।।
गो माता को राष्ट्र माता बनाओ गौ को भगवान की तरह अपने ईष्ट की तरह घर घर में पूजो और सेवा व सम्मान करो
गौ रक्षा हो जायेगी ।
कोई कहता है गौ राष्ट्रीय पशु हो, कोई कहता है गो राष्ट्रीय प्राणी हो ।
अंग्रेजों ने इस देश मे आकर हमारी गौ माता को पशु बताकर बकरे और मुर्गे की तरह कटवा दिया ।।
भारत के ऋषियो ने पूरी दुनिया के लोगों को बताया है -
गावो विश्वस्य मातर:
गौ माता जानवर नही भारत के लोगों की जान है, गो माता प्राणी नही इस देश के लोगों का प्राण है ।।
इस देश में गौ माता को राष्ट्र माता के पद पर बिठाओ, भारत के ऋिषयों ने पूरे देश और दुनिया को एक परिवार या घर के रूप में देखा है ।।
घर बनता ही माँ से है , इस देश में राष्ट्र गीत भी है राष्ट्र गान भी है राष्ट्र पक्षी भी है राष्ट्र पशु भी है राष्ट्र पिता भी है
लेकिन हमारे राष्ट्र रूपी घर में राष्ट्र माता नही है, इसलिए गौ माता को राष्ट्र माता बनाओ ।।
और दूसरी बात जिस देश में शिलाओं की प्राण प्रतिष्ठा करने पर पत्थर भी भगवान बन जाता है तो विचार करिए जिस गौ माता की प्रतिष्ठा स्वयं भगवान ने की हो वह गो माता कितनी बडी भगवान होगी ।।
इसलिए वेदों में लिखा है -
गोस्तु मात्रा न विद्यते
गाय की बराबरी कोई नही कर सकता । उस गौ माता के लिए हमे किसी मंदिर बनाने की जरूरत नही है गौ माता के घर पहुंचते ही वह घर मंदिर बन जाता है । गौ माता को वो सम्मान दो जो हम भगवान को देते हैं ।
आप एक दिन आकर : 23 फरवरी 2014 को दिल्ली रामलीला मैदान गौ रक्षा के लिए खडे हो जाओ ।।
जो गाय की पूछ पकड लेता है उसे गौ माता सींग पर उठाकर उच्च शिखर पर पहुंचा देती है ।।
Save cow save nation
यदि कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति है, उसके सामने दो विकल्प है : एक तरफ है अपमान, दूसरी तरफ है मौत: वो क्या चुनेगा ?
आपका उत्तर होगा मौत ।।
इस भूमण्डल पर गौ माता सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित है , वेद पुराण उपनिषद गीता भागवत रामायण , भगवान ने भी जिसकी महिमा गायी है , ऐसी प्रतिष्ठित गो माता का अपमान हम हिन्दुओं के द्वारा हुआ है इसलिए गौ माता ने मौत को चुना है ।।
गौ माता में अपार शक्ति है उसमें तैंतीस करोड देवता है वो चाहे तो एक देवता खडा करके अपनी रक्षा कर सकती है, लेकिन हमारे द्वारा गौ का अपमान होने पर गौ माता जीना नही चाहती और वह मौत को स्वीकार कर रही है।।
गो माता को राष्ट्र माता बनाओ गौ को भगवान की तरह अपने ईष्ट की तरह घर घर में पूजो और सेवा व सम्मान करो
गौ रक्षा हो जायेगी ।
कोई कहता है गौ राष्ट्रीय पशु हो, कोई कहता है गो राष्ट्रीय प्राणी हो ।
अंग्रेजों ने इस देश मे आकर हमारी गौ माता को पशु बताकर बकरे और मुर्गे की तरह कटवा दिया ।।
भारत के ऋषियो ने पूरी दुनिया के लोगों को बताया है -
गावो विश्वस्य मातर:
गौ माता जानवर नही भारत के लोगों की जान है, गो माता प्राणी नही इस देश के लोगों का प्राण है ।।
इस देश में गौ माता को राष्ट्र माता के पद पर बिठाओ, भारत के ऋिषयों ने पूरे देश और दुनिया को एक परिवार या घर के रूप में देखा है ।।
घर बनता ही माँ से है , इस देश में राष्ट्र गीत भी है राष्ट्र गान भी है राष्ट्र पक्षी भी है राष्ट्र पशु भी है राष्ट्र पिता भी है
लेकिन हमारे राष्ट्र रूपी घर में राष्ट्र माता नही है, इसलिए गौ माता को राष्ट्र माता बनाओ ।।
और दूसरी बात जिस देश में शिलाओं की प्राण प्रतिष्ठा करने पर पत्थर भी भगवान बन जाता है तो विचार करिए जिस गौ माता की प्रतिष्ठा स्वयं भगवान ने की हो वह गो माता कितनी बडी भगवान होगी ।।
इसलिए वेदों में लिखा है -
गोस्तु मात्रा न विद्यते
गाय की बराबरी कोई नही कर सकता । उस गौ माता के लिए हमे किसी मंदिर बनाने की जरूरत नही है गौ माता के घर पहुंचते ही वह घर मंदिर बन जाता है । गौ माता को वो सम्मान दो जो हम भगवान को देते हैं ।
आप एक दिन आकर : 23 फरवरी 2014 को दिल्ली रामलीला मैदान गौ रक्षा के लिए खडे हो जाओ ।।
जो गाय की पूछ पकड लेता है उसे गौ माता सींग पर उठाकर उच्च शिखर पर पहुंचा देती है ।।
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