भारतीय गौवंश में सुर्यकेतु नाड़ी है, जो उसके गर्दन, कांधे व पीठ के पूरे हिस्से में पायी जाती है। इस सूर्य केतु नाड़ी में सूर्य तथा ब्रामाण्ड के ग्रहोें से औशधिय तत्व ग्रहण करने की क्षमता होती है।
औषधीय गुण गौ के रीढ ़ पर स्थित सूर्यकेतु नाड़ी ग्रहण करती है एवं फिर गौ दूध गौमूत्र एवं गोबर में से ब्वेउपब मदमतहल उतरती है एवं गौमूत्र में 35 एमीनो एसिड एवं विटामिन( जो स्वास्थ वर्धक होते जाते हैं) सबसे महत्वपूर्ण तत्व जो उसमें पाया जाता है वह है स्वर्ण । इसलिए भारतीय गौ– बैल का मूत्र औशधीय तत्व से भरा होता है। गाय के एक लीटर दूध में .02 मिलीग्राम शुद्ध स्वर्ण होता है। जिसका नित्य प्रयोग शरीर को बलिष्ठ और स्वर्ण के समान कांतिमय तैजस्वी और ऊर्जावान बनाता है।
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