हरियाणा के गोभक्त चौधरी हरफूल जाट जुलानी वाले
83 साल पहले चौधरी हरफूल जाट जुलानी वाले ने (सन 1930 में)
अकेले ने ही टोहाना (जिला फतेहाबाद, हरियाणा ) का बूचडखाना तोड़कर
गौ हत्या के खिलाफ बिगुल बजाया था और एक शुरुआत की थी गौ हत्यारों के वध करने की, उसके बाद जींद , नरवाना ,रोहतक ,गोहाना के हाथे (बूचडखाने ) भी खुद जा कर तोड़े और गौ माँ को मुक्त कराया, 1936 में गौ रक्षा करने के जुर्म इस महान गौपुत्र को फांसी की सजा दी गयी और फिरोजपुर (पंजाब ) की जेल में फांसी के बाद उनकी देह को सतलुज में प्रवाहित कर दिया I
अकेले ने ही टोहाना (जिला फतेहाबाद, हरियाणा ) का बूचडखाना तोड़कर
गौ हत्या के खिलाफ बिगुल बजाया था और एक शुरुआत की थी गौ हत्यारों के वध करने की, उसके बाद जींद , नरवाना ,रोहतक ,गोहाना के हाथे (बूचडखाने ) भी खुद जा कर तोड़े और गौ माँ को मुक्त कराया, 1936 में गौ रक्षा करने के जुर्म इस महान गौपुत्र को फांसी की सजा दी गयी और फिरोजपुर (पंजाब ) की जेल में फांसी के बाद उनकी देह को सतलुज में प्रवाहित कर दिया I
बेजुबानों के लिए फांसी चढ़ने वाले इस एकमात्र गौपुत्र को शत शत नमन...।
जय हिन्द
जय हिन्द
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