स्वपन में गौ अथवा साँड़ के दर्शन से कल्याण -लाभ एवं व्याधि-नाश होता है। इसी प्रकार स्वपन में गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ट माना गया है। स्वपन में बैल अथवा साँड़की सवारी करना, तालाब के बीच में घृत-मिश्रित खीर का भोजन भी उत्तम माना गया है। इनमें से घी सहित खीर का भोजन तो राज्य-प्रापित का सूचक माना गया
है।
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